
रामायण के कुल सात कांडों में से सिर्फ एक को “सुंदर” कहा गया है – सुंदर कांड। अब सवाल उठता है – क्या बाकी कांड “बदसूरत” थे?
बिलकुल नहीं! पर फिर इसे ‘सुंदर’ कांड क्यों कहा गया?
आज के युवा मस्तिष्क को यह समझाने के लिए, चलिए इसे एक ‘रियल हीरो स्टोरी’ की तरह समझते हैं!
यह कांड है – हनुमान जी के सुपरहीरो मोड में आने का!
सुंदर कांड की कहानी पूरी तरह हनुमान जी के अद्वितीय साहस, भक्ति और समर्पण की है –
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जब वो लंका की सीमा लांघते हैं
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सीता माता को ढाँढस बंधाते हैं
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और अकेले लंका में आतिशबाज़ी कर देते हैं यानि एक हीरो जो मिशन पर निकला और बिना किसी हथियार के जीतकर लौटा!
“सुंदर” नाम के पीछे के कारण:
हर कोण से सुंदर: कथा, किरदार और कर्म
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कथा सुंदर: साहस, सेवा और सफलता की कहानी
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कर्म सुंदर: हनुमान जी का निस्वार्थ कार्य
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किरदार सुंदर: श्रीराम, सीता और हनुमान – तीनों आदर्श
हनुमान जी का ‘स्वरूप’ ही सुंदर था
वाल्मीकि रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा:
“सुंदर रूप, सुंदर कथा, सुंदर चरित्र – सब सुंदर!”
अध्यात्मिक सुंदरता:
यह अध्याय ‘कर्मयोग’ और ‘भक्तियोग’ का अद्भुत मेल है।
हनुमान = ‘Hope’ का प्रतीक
आज का यूथ जब डिप्रेशन, हार, ब्रेकअप या एग्ज़ाम प्रेशर से जूझता है, तो सुंदर कांड उसकी मानसिक बैटरी चार्ज करता है।
युवा के लिए क्यों ज़रूरी है सुंदर कांड?
पुरानी सीख | यूथ के लिए नया मतलब |
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हनुमान जी ने समुद्र लांघा | हर मुश्किल पार की जा सकती है |
सीता को ढूंढ निकाला | हार नहीं माननी चाहिए |
रावण की लंका जलाई | अन्याय का मुकाबला साहस से |
लौटकर श्रीराम को खबर दी | टीम वर्क और ट्रस्ट |
“सुंदर कांड” सिर्फ रामायण का अध्याय नहीं, बल्कि हर युवा के अंदर छुपे हनुमान को जगाने की प्रेरणा है। तो अगली बार जब आप खुद को कमज़ोर, थका या हारा हुआ महसूस करें, तो एक बार सुंदर कांड पढ़ लें — अंदर का ‘सुंदर’ खुद जाग उठेगा।
सुनो सुंदर कांड पढ़ो, इंस्टाग्राम से ज्यादा आत्मा फिल्टर हो जाएगी।